हरियाणा: दो मिलों में 25,000 क्विंटल धान गायब, एचएएफईडी कर्मचारियों पर कार्रवाई
करनाल जिले के असंध ब्लॉक में धान खरीद घोटाले का एक और मामला सामने आया है। एचएएफईडी (HAFED) और सीएम फ्लाइंग स्क्वाड की संयुक्त टीम ने दो चावल मिलों की फिजिकल वेरिफिकेशन के दौरान करीब 25,000 क्विंटल धान की कमी पकड़ी है।
एचएएफईडी के जिला प्रबंधक (डीएम) किरपाल दास ने दोनों मिलों के खिलाफ असंध थाने में शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि, खबर लिखे जाने तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी।
इस मामले में कार्रवाई करते हुए एचएएफईडी ने दो कर्मचारियों — अशोक कुमार (फील्ड इंस्पेक्टर-कम-स्टोर कीपर) और सुरेंद्र कुमार (सीनियर मैनेजर) — को निलंबित कर दिया है।
इससे पहले, 5 नवंबर को एचएएफईडी के प्रबंध निदेशक ने तत्कालीन जिला प्रबंधक अमित शर्मा को निलंबित किया था, जब राधे राधे राइस मिल और अग्रवाल राइस मिल में क्रमशः 15,500 क्विंटल और 8,910 क्विंटल धान की कमी पाई गई थी।
डीएम किरपाल दास ने बताया, “सीएम फ्लाइंग स्क्वाड द्वारा 5 नवंबर को दोबारा भौतिक सत्यापन किया गया, जिसमें वही कमी पाई गई। मैंने दोनों मिल मालिकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिकायत दर्ज कराई है।”
अधिकारियों का संदेह है कि यह मामला ‘प्रॉक्सी प्रोक्योरमेंट’ यानी फर्जी खरीद का हो सकता है — जिसमें धान की एंट्री तो दिखाई जाती है, लेकिन वास्तव में खरीद नहीं होती।
करनाल के एसपी गंगा राम पुनिया ने पुष्टि करते हुए कहा, “शिकायत प्राप्त हो चुकी है, उचित कार्रवाई की जाएगी।”
अब तक जिले में धान खरीद अनियमितताओं से जुड़े तीन एफआईआर दर्ज हो चुके हैं, जिनमें दो मार्केट कमेटी सचिव, एक राइस मिलर और पांच खरीद अधिकारी शामिल हैं। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन पुलिस की कई टीमें छापेमारी कर रही हैं।
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि फर्जी एंट्रियों के ज़रिए धान की आवक दिखाई गई, जो वास्तव में कभी मंडियों तक पहुँची ही नहीं। इससे राज्य सरकार को कई करोड़ों का नुकसान हुआ है।
जांच के लिए डीएसपी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में एक एसआईटी गठित की गई है, जिसमें सीआईए-2, संबंधित थाना पुलिस और साइबर विशेषज्ञ शामिल हैं। अधिकारी ने कहा, “एसआईटी जल्द ही इस ‘घोस्ट धान’ नेटवर्क का पूरा सच उजागर करेगी।”
जांच दल अब यह पता लगाने में जुटा है कि यह कथित फर्जी धान कैसे ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रजिस्टर हुआ, कैसे गेट पास और भुगतान जारी किए गए, और इस रैकेट में कौन-कौन से आढ़ती, एजेंसियां और मिलें शामिल हैं।
