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सीएमआर चावल में हेराफेरी: गरीबों को लूटा, अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप

By M&M Burau

जोगुलंबा गडवाल ज़िले में कई मिलर्स पर गरीब परिवारों के लिए निर्धारित उच्च गुणवत्ता वाले सीएमआर चावल को अवैध रूप से बेचने और घोटाले को अंजाम देने के गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि इस अवैध गतिविधि को राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त है।

नदिगड्डा राइट्स प्रोटेक्शन कमेटी की ओर से आयोजित प्रेस वार्ता में ज़िला अध्यक्ष गोंगल्ला रंजीत कुमार ने संबंधित मिलर्स के खिलाफ पीडीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कुछ मिलों पर सतर्कता विभाग की छापेमारी के बावजूद सभी मिलों में बड़े पैमाने पर कार्रवाई आवश्यक है, क्योंकि करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार इसमें शामिल है।

रंजीत कुमार ने आरोप लगाया कि कुछ सिविल सप्लाई अधिकारी भी मिलर्स से मिलीभगत कर रहे हैं और गरीबों के हिस्से का चावल अवैध रूप से बेचने और रीसाइक्लिंग की अनुमति दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “मिलर्स न केवल चावल की अवैध बिक्री कर रहे हैं बल्कि सरकार के लिए निर्धारित मात्रा को भी रोक लेते हैं। इसके बावजूद प्रशासन मौन बना हुआ है।”

उन्होंने बताया कि कई ब्लैकलिस्टेड मिलर्स को भी राजनीतिक दबाव के कारण सीएमआर चावल का आवंटन किया जा रहा है। यहाँ तक कि पिछले वर्ष सरकार को चावल आपूर्ति करने में असफल रहने वाले मिलर्स को भी नए आवंटन दे दिए गए हैं, जो इस बड़े भ्रष्टाचार नेटवर्क की ओर इशारा करता है।

रंजीत कुमार ने घोषणा की कि ज़िला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मिलर्स की गतिविधियों की गहन जाँच की मांग की जाएगी। साथ ही, इस मामले को राज्य स्तर तक ले जाकर अवैध गतिविधियों पर विशेष कार्य योजना लागू करने की पहल की जाएगी, ताकि गरीब परिवारों तक उनका हक़ का चावल पहुँच सके।

प्रेस वार्ता में ज़िला संयोजक बुच्ची बाबू, ज़िला नेता वेंकटरामुलु, धरूर मंडल अध्यक्ष नेत्तेम्पाडु गोविंदु, मंडल उपाध्यक्ष अदवी अंजनयलु और माल्डाकल सहित लक्ष्मणा के.पी. रामकृष्णा, वेंकटेश सहित कई मंडल पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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