Karnal ( Haryana): सीएमआर के नाम पर राइस मिल ने हड़पा 70 लाख का धान

राइस मिल संचालकों द्वारा सीएमआर के नाम पर धान और चावल में हेराफेरी नहीं रुक रही है। मुख्यमंत्री उडनदस्ता की ओर से शनिवार को किए गए स्टाॅक सत्यापन में एक और राइस मिल में 3067 क्विंटल 75 किलो धान की हेराफेरी पाई गई है, जिसकी कीमत एमएसपी के आधार पर तो 67.58 लाख रुपये है, लेकिन खर्च जोड़कर करीब 70 लाख रुपये की हेराफेरी की गई है। राइस मिल संचालक के खिलाफ मधुबन थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

खाद्य एवं आपूर्ति निरीक्षक सज्जन मान ने मधुबन थाना पुलिस को दी शिकायत में कहा कि उन्हें गोपनीय सूचना मिली थी कि सालासर श्याम सरकार ओवरसीज बडौता गांव (करनाल) को आवंटित सरकारी धान में अनियमितता बरती जा रही है। इस पर डीएफएससी की ओर से सज्जन मान व संदीप की टीम तैयार करके भौतिक सत्यापन कराया गया। मुख्यमंत्री उड़नदस्ता के निरीक्षक शिव कुमार के नेतृत्व में राइस मिल पर जाकर स्टाॅक का भौतिक सत्यापन किया गया।

बबैल गांव (पानीपत) मौजूद मिले। स्टाॅक में 40765 क्विंटल 50 किलो चावल सरकारी धान मिला, स्टाॅक में 2449 क्विंटल चावल मिला। 870 क्विंटल चावल राइस मिल द्वारा सीएमआर के रूप में तैयार कर वापस किया गया जबकि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग करनाल के रिकाॅर्ड अनुसार 2023-24 के दौरान इस फर्म को 48786 क्विंटल 75 किलो धान मिलिंग के लिए दिया गया था। जिसमें से 3067 क्विंटल 52 किलो धान का स्टाॅक कम पाया गया है। जिसके आधार पर ही भौतिक सत्यापन रिपोर्ट तैयार की गई। यानी सालासर श्याम सरकार ओवरसीज बड़ौता के पार्टनरों ने वर्ष 2023-24 में अलाॅट सरकारी धान में से 3067 क्विंटल 52 किलो धान की हेराफेरी की है।

स्टॉक का किया जाएगा मिलान

खाद्य एवं पूर्ति निरीक्षक सज्जन मान ने बताया कि इससे आगे की जांच अब साक्ष्यों के आधार पर पुलिस करेगी। निरीक्षक शिवकुमार ने बताया कि मधुबन थाने में मामला दर्ज करा दिया गया है। जांच अधिकारी नरेश कुमार ने बताया कि रविवार को रिपोर्ट लिखी है। राइस मिल जाकर प्रथम दृष्टया मौका मुआयना किया गया, लेकिन अब स्टाॅक व अभिलेखीय मिलान किया जाएगा। इसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

This article was been republished from The Amar Ujala

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